चलती, नारकीय तस्वीरों पर कान-क्लिप घुमाकर धरला को क्या याद दिलाया जाता है। धरला को बीसवीं सदी के मध्य में वियना में अपने छात्र-काल के दौरान जंगली, तुच्छ पार्टियों की याद आती है।